माया से बंधा हुआ राधे
बहलाकर फुसलाया हुआ राधे
तू माँगे वह दे दू राधे
मगर भिकारी प्रेम को क्या दे
इसमें भी मेरी चालाकी राधे
माँगने आये तब तुझे देख सकू राधे
तू ही मेरी माँ राधे
मेरे आँसूओंका कारण राधे
बार बार तुझे भुलु राधे
आँसू लौट जाय परिचय तक ना दे
लोग बड़ी तारीफ करे मेरी राधे
पर अंदर की लाचारी कोई न जाने राधे
तेरे शरण आना चाहूं राधे
पर यह बुद्धि तरह तरह से बेहकादे
इतनी बुद्धि क्यों दी राधे
इसमे भोलापन नही राधे
ज्ञान तो सरस्वती का रुप राधे
पर आधा ज्ञान बस अहंकार बढादे
पागलसी ये दुनिया राधे
भीख माँगू रास्ता दिखा दे
शिकायत की आदत होगयी है राधे
पर कहूं किसे तू दर्शन भी तो ना दे
सकामता का मैं प्रतीक राधे
एक वर मांगू बच्चा समजकर ही दे दे
चाहे जनम लगे कई राधे
हर बार ये प्यार याद दिला दे
निष्काम प्रेम का लक्ष् दीदी बतलाए राधे
पर इस लाचार मैं तनिक भी शक्ती नही राधे
करुणा करदे एक बार राधे
प्यार का अधिकारी तो नही हु राधे
हक से न माँग सकू राधे
तू ही अपना समजकर प्यार दिला दे
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